कब है परिवर्तिनी एकादशी? जानें इस दिन भगवान विष्णु को कैसे करें प्रसन्न

यह विशेष दिन विष्णुजी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित होता है। वहीं, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन विष्णुजी की उपासना का बड़ा महत्व है।

धार्मिक मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन व्रत और उपवास रखने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और साधक को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को पद्मा एकादशी और वामन एकादशी भी कहा जाता है।आइए जानते हैं परिवर्तिनी एकादशी की सही डेट,पूजाविधि,पारण टाइमिंग और इस दिन क्या करें-क्या नहीं?

परिवर्तिनी एकादशी कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार,भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 13 सितंबर को रात 10 बजकर 40 मिनट पर होगा और अगले दिन 14 सितंबर 2024 को रात 8 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 14 सितंबर 2024 को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

पारण टाइमिंग : 15 सितंबर 2024 को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक पारण करने का मुहूर्त है।

परिवर्तिनी एकादशी की पूजाविधि :

  • परिवर्तिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें।
  • स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
  • इसके घर के मंदिर की साफ-सफाई करें।
  • पूजा आरंभ करें। श्रीहरि विष्णु का ध्यान करें।
  • संभव हो, तो फलाहार व्रत भी रखें।
  • अब विष्णुजी को फल,फूल,धूप,दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • विष्णुजी के ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • अंत में विष्णुजी और मां लक्ष्मी के साथ सभी देवी-देवता की आरती उतारें।

एकादशी व्रत में क्या करें ?

  • एकादशी व्रत में मधुर बोलें।
  • व्रत में आम,अंगूर,केला, ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं।
  • इस व्रत में मौन,जाप,कीर्तन और शास्त्रों का पाठ करना लाभकारी होता है।
  • विष्णुजी के मंत्रों का जाप करें और प्रभु का ध्यान करें।

एकादशी व्रत में क्या न करें?

  • एकादशी व्रत के दिन क्रोध से बचें।
  • भोग में बाकी प्रसाद को ग्रहण करें, लेकिन तुलसीदल ग्रहण न करें।
  • कहा जाता है कि एकादशी व्रत के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए।
  • व्रत के दौरान किसी की निंदा न करें।
  • निद्रा, जुआ,चुगली,चोरी,हिंसा और झूठ से दूर रहें।
  • इस दिन व्रती को गोभी,गाजर,शलजम और पालक का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस व्रत में तामसिक भोजन, मसूर, उड़द और चने की दाल के सेवन की मनाही होती है।
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