इतना ही नहीं, आपके घर के आस-पास लगे पेड़-पौधे आपके घर की सकारात्मकता को भी बढ़ा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से जीवन में सद्भाव, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाया जा सकता है। यही कारण है कि घर के मालिकों को घर का बगीचा बनाते समय या घर में पौधे रखते समय पौधों के लिए वास्तु के सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी जाती है। अगर आप अपने घर को सजाने के लिए घर की दीवार पर बेलें और लताएँ चढ़ाते हैं, तो इससे घर में वास्तु दोष पैदा होता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
भवन या परिसर की दीवार पर लताएँ उगती हैं और उनकी पत्तियाँ धीरे-धीरे दीवारों में छोटी-छोटी दरारों में घुस जाती हैं। दरारें चौड़ी हो सकती हैं, जिससे दीवारों को नुकसान पहुँच सकता है और पानी का रिसाव हो सकता है। क्षतिग्रस्त दीवार नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दीवार पर बेलें और लताएँ चढ़ने से दुश्मनों की संख्या बढ़ती है। दरअसल घर की दीवार के साथ बेलों और लताओं का चढ़ना इस बात का संकेत है कि आपके दुश्मन धीरे-धीरे शक्तिशाली होते जा रहे हैं और आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर बेलों और लताओं को लगाना भी फलदायी नहीं होता है। बेलों या लताओं को बगीचे में, उनके स्वतंत्र सहारे से उगाया जा सकता है।
मनी प्लांट एक लता है, लेकिन इसे घर के अंदर ही उगाना चाहिए। मनी प्लांट वास्तु के अनुसार इसे बाहर नहीं उगाना चाहिए, बल्कि किसी पेड़ का सहारा लेना चाहिए।
मत्स्य पुराण में भी वास्तु शास्त्र और उसके प्रभाव का उल्लेख किया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार बेलों और लताओं पर शुक्र का प्रभाव होता है। इसीलिए इन्हें घर के दक्षिण-पूर्व भाग में खाली जगह पर लगाना चाहिए। इन्हें पेड़ या किसी अन्य चीज की मदद से ऊपर चढ़ा जा सकता है।
दक्षिण-पूर्वी भाग यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में सुगंधित फूल भी लगाए जा सकते हैं, क्योंकि इनका स्वामी ग्रह भी शुक्र है। मनी प्लांट की तरह ही अन्य लताएं या बेलें भी ईशान कोण में नहीं लगानी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के नियम भी व्यावहारिकता पर आधारित हैं। व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो जहरीले जानवर लताओं के जरिए घर में प्रवेश कर सकते हैं और वहां रहने वालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। शायद इसीलिए वास्तु शास्त्र में दीवारों पर लताओं का चढ़ना अशुभ माना जाता है।