दरअसल, मेटा के इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने अप्रैल 2024 में प्लेटफॉर्म पर 71 लाख से अधिक भारतीय अकाउंट्स पर बैन लगा दिया। ये कार्रवाई उन अकाउंट्स पर की गई जो भारतीय कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे। बता दें कि, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म आईटी नियम, 2021 के तहत मंथली रिपोर्ट पब्लिश करता है।
इस रिपोर्ट में वॉट्सऐप को यूजर्स द्वारा मिली शिकायतों पर की गई कार्रवाई और इसके पता लगाने और रोकथाम के बारे में जानकारी शेयर करता है।
कंपनी को 10,554 शिकायतें मिलीं
लेटेस्ट रिपोर्ट 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक की गई कार्रवाई के बारे में है। यूजर अपनी शिकायतें इंडियन ग्रीवेंस ऑफिसर को ई-मेल या डाक के माध्यम से भेज सकते हैं। अप्रैल में, कंपनी को बैन अपील, सेफ्टी, अकाउंट सपोर्ट और अन्य चीजों पर 10,554 शिकायतें मिलीं। यूजर द्वारा मिली शिकायतों पर कार्रवाई करने के अलावा, कंपनी प्लेटफॉर्म पर “हानिकारक व्यवहार को रोकने के लिए टूल्स और रिसोर्सेस” का उपयोग करती है।
वॉट्सऐप ने कहा, “दुरुपयोग का पता लगाना अकाउंट की लाइफस्टाइल की तीन स्टेज में काम करता है: रजिस्ट्रेशन के समय, मैसेजिंग के दौरान, और नेगेटिव फीडबैक के जवाब में, जो हमें यूजर रिपोर्ट और ब्लॉक के रूप में प्राप्त होता है।” वॉट्सऐप के एनालिस्ट की एक टीम इस सिस्टम को बढ़ाती है और इसकी प्रभावशीलता में सुधार करती है।
कुल 71,82,000 भारतीय अकाउंट्स बैन
कंपनी ने कहा कि बैन अकाउंट्स की संख्या में “हमारे ‘रिपोर्ट’ फीचर के माध्यम से यूजर्स से मिले नेगेटिव फीडबैक के बाद की गई कार्रवाई” भी शामिल है। भारत में कुल 71,82,000 भारतीय अकाउंट्स पर बैन लगाया गया। इनमें से 13,02,000 अकाउंट्स को यूजर्स की किसी भी रिपोर्ट से पहले ही बैन कर दिया गया था। एक भारतीय अकाउंट की पहचान ‘+91’ फोन नंबर से की जाती है।
इसके अलावा, वॉट्सऐप के पास ऑनलाइन एब्यूज को रोकने और उससे निपटने के लिए “इंजीनियर्स, डेटा साइंटिस्ट, एनालिस्ट, रिसर्चर्स और लॉ एक्सपर्ट्स, ऑनलाइन सेफ्टी और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट्स एक्सपर्ट्स की एक टीम है।” साथ ही, कंपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विसेस का भी उपयोग करती है।
मेटा ऐप ने आगे कहा, “हम यूजर्स को कॉन्टैक्ट्स को ब्लॉक करने और ऐप के अंदर से प्रॉब्लमैटिक कंटेंट और कॉन्टैक्ट्स की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाते हैं। हम यूजर की प्रतिक्रिया पर पूरा ध्यान देते हैं और गलत सूचना को रोकने, साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने और चुनावी अखंडता को बनाए रखने में एक्सपर्ट्स के साथ काम करते हैं।”