Thailand Cambodia Shiva Temple Dispute : शिव मंदिर विवाद पर आज होगा फैसला! ट्रंप की चेतावनी से थर्राए थाईलैंड-कंबोडिया

Thailand Cambodia Shiva Temple Dispute : थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा तनावपूर्ण शिव मंदिर विवाद आज थम सकता है। दोनों देशों के बीच मलेशिया में होने वाली शांति वार्ता में सीजफायर समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।

मलेशिया के विदेश मंत्री मुहम्मद हसन ने मीडिया को बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं को शांति वार्ता के लिए राजी कर लिया है। इस वार्ता में थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट शामिल हो सकते हैं।

ट्रंप की चेतावनी ने बदला खेल?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस विवाद को सुलझाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि थाईलैंड और कंबोडिया एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं, मिसाइल और रॉकेट दाग रहे हैं, और लोगों की जान ले रहे हैं। ट्रंप ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर दोनों देश आपसी विवाद नहीं सुलझाते, तो अमेरिका उनके साथ कोई ट्रेड डील नहीं करेगा।

ट्रंप का दावा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान, इजरायल-ईरान, सर्बिया-कोसोवो जैसे विवाद सुलझाए हैं, और अब थाईलैंड-कंबोडिया का मसला भी हल करवाएंगे।

इन 3 मुद्दों पर होगी गहरी बातचीत

शांति वार्ता में तीन बड़े मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद है। पहला और सबसे अहम मुद्दा है प्राचीन शिव मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र का, जिस पर दोनों देश 6 दिन से दावा ठोक रहे हैं। दूसरा, ट्रंप की ट्रेड डील और टैरिफ की चेतावनी पर चर्चा होगी। तीसरा, दोनों देश भविष्य की योजनाओं और आपसी संबंधों को बेहतर करने के लिए रास्ता तलाशेंगे। इस वार्ता से दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद है।

क्या है शिव मंदिर का विवाद?

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद कोई नई बात नहीं है। ताजा विवाद जुलाई 2025 में 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर बने प्राचीन खमेर मंदिरों जैसे प्रियह विहार, प्रसात ता मुएन थम और प्रसात ता क्रबे को लेकर शुरू हुआ। इन मंदिरों को लेकर विवाद की जड़ें 19वीं और 20वीं सदी के नक्शों में हैं। नक्शों में मंदिरों को कंबोडिया का हिस्सा दिखाया गया है, लेकिन थाईलैंड इन मंदिरों और आसपास के क्षेत्र पर अपना हक जताता है।

कैसे भड़की विवाद की आग?

मई 2025 में एमराल्ड ट्रायंगल (थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस की साझा सीमा) के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक मारा गया। इसके बाद दोनों देशों ने सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी, जिससे तनाव और गहरा गया। 23 जुलाई को थाईलैंड के उबोन रतचाथानी में बारूदी सुरंग विस्फोट में सैनिक घायल हुए। थाईलैंड ने कंबोडिया पर नई बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया, जिसे कंबोडिया ने खारिज कर दिया।

24 जुलाई को प्रसात ता मुएन थम मंदिर के पास दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी शुरू हुई। थाईलैंड का कहना है कि कंबोडिया ने रॉकेट लॉन्चर और भारी हथियारों से हमला किया, जबकि कंबोडिया ने थाई सैनिकों पर मंदिर के पास तार लगाने और गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगाया। 26 जुलाई तक चले इस संघर्ष में 32 लोग मारे गए और करीब 2 लाख लोग विस्थापित हो गए।

विवाद से कितना नुकसान?

इस हिंसक झड़प में थाईलैंड में 19 और कंबोडिया में 13 लोगों की जान गई। थाईलैंड के सिसाकेत राज्य में एक गैस स्टेशन पर रॉकेट हमले में 6 लोग मारे गए। सुरिन राज्य में एक अस्पताल को भी नुकसान पहुंचा। कंबोडिया ने थाईलैंड से फल, सब्जियां, ईंधन और इंटरनेट सेवाओं के आयात पर रोक लगा दी। थाई फिल्मों और टीवी शो पर भी पाबंदी लगा दी गई। जवाब में, थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ हर तरह के व्यापार और पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी।

दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया और राजनयिक संबंधों को सीमित कर दिया। कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में विवाद सुलझाने की मांग की। थाईलैंड ने ICJ के अधिकार क्षेत्र को खारिज करते हुए द्विपक्षीय बातचीत पर जोर दिया। अब मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम (ASEAN अध्यक्ष) ने ट्रंप के अनुरोध पर युद्धविराम का प्रस्ताव रखा है।

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