सूचना पर दमकल वाहन मौके पर पहुंचे। इस दौरान सेलाकुई थाना पुलिस लोगों को बस्ती से बाहर निकाला। करीब दो घंटे की कड़ी मश्क्कत के बाद दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया। गनीमत रही कि कोई व्यक्ति आग की चपेट में नहीं आया, हालांकि सभी झुग्गी झोपड़ी जलकर राख हो गईं। उधर, बस्ती वासियों का दावा है कि आग लगने के दौरान 90 झुग्गी झोपड़ी जली हैं।
भाऊवाला स्थित सुदंरवन बस्ती में दोपहर करीब दो बजे कुछ झोपड़ियों से धुआं उठने लगा। आग तेजी से बढ़ने लगी और आस-पास की झुग्गी झोपड़ियों को भी अपनी चपेट ले लिया। बस्ती में आग लगने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोग किसी तरह झोपड़ी में रखे अपने जरूरत के सामान को समेट कर इधर-उधर भागने का प्रयास करने लगे।
सूचना पर कुछ ही देर में अग्निशन स्टेशन सेलाकुई से दमकल वाहन मौके पर पहुंच गए। दमकलकर्मियों ने आग बुझाना शुरू किया। इसी दौरान सीओ प्रेमनगर रीना राठौड़, तहसीलदार गौरा दत्त जोशी और थाना प्रभारी सेलाकुई शैंकी कुमार भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिसकर्मियों ने लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। आग इतनी विकराल थी कि उसे बुझाने में चार दमकल वाहनों का पानी कम पड़ गया।
देहरादून से दो और दमकल वाहन बुलाए गए। करीब चार बजे दमकलकर्मी आग पर काबू पाने में सफल हुए। ग्राम प्रधान भाऊवाला रमा थापा ने बताया की झोपड़ियों में रहने वाले 35 लोगों की सूची हमारे पास है, लेकिन यहां करीब 54 झोपड़ियां थीं।
इस दौरान प्रभावित रामकला देवी और ललिता देवी ने बताया कि वह 1999 से यहां पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। यहां करीब 90 झुग्गी झोपड़ियां थीं। बताया कि पहले भी दो बार खाना बनाते हुए झुग्गी झोपड़ियों में आग लगी थी। उस दौरान भी सभी झुग्गी झोपड़ियां जलकर राख हो गई थीं।
उन्होंने बताया कि आज भी अचानक से आग लगी और देखते ही देखते आग इतनी भयंकर हो गई कि उसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ी। बताया कि उनके बिस्तर, कपड़े, राशन और अन्य जरूरी सामान सबकुछ आग की भेंट चढ़ गया।
अग्निशमन स्टेशन सेलाकुई के प्रभारी एफएसओ ईशम सिंह ने बताया कि थाना प्रभारी सेलाकुई की सूचना पर दमकल वाहन आठ मिनट में मौके पर पर पहुंच गए थे। बताया कि सेलाकुई से चार और देहरादून से दो दमकल वाहन मंगाए गए। आग पर काबू पाने में दो घंटे लगे। आग लगने का कारण की जांच की जा रही है। हो सकता है खाना बनाने के दौरान आग लगी होगी।