जोशीमठ से लगभग एक किमी पहले जोगीधारा में बीते मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे पहाड़ी टूटने से बंद बदरीनाथ हाईवे शुक्रवार को चौथे दिन खुला।
सुबह पहले दोपहिया वाहनों को गुजारा गया। शाम तक सभी वाहनों की भी आवाजाही कराई गई। लगभग 84 घंटे के इंतजार के बाद बदरीनाथ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही सुचारू हुई। इससे परेशान तीर्थयात्रियों ने राहत की सांस ली। चार दिन से जोशीमठ में फंसे तीर्थयात्रियों को दोनों ओर से एक-एक करके निकाला गया। लेकिन, अभी भी हाईवे पर भूस्खलन जोन में खतरा बरकरार है।
बीआरओ की टीमें दिन-रात कार्य भारी मलबा और बोल्डर हटाने के काम में जुटी थी। भारी बोल्डर होने और बार-बार मलबा आने के कारण काम में मुश्किल आ रही थी। गुरुवार रात को बीआरओ ने विस्फोट कर सबसे बड़ी बाधा बनी एक बड़ी चट्टान को तोड़ा। इसके बाद मशीनों की सहायता से चट्टान के टुकड़ों को हटाया गया।
शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे मार्ग को दोपहिया वाहनों की आवाजाही लायक बनाया गया। हालांकि मलबा काफी था। एक तरफ चढ़ाई और दूसरी तरफ तीखा ढलान था। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और बीआरओ के जवानों ने सुरक्षा चैन बनाकर एक-एक करके दुपहिया वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई। बीच-बीच में लोगों को कतार में लगाकर क्षतिग्रस्त हिस्सा पैदल पार कराया गया।
इसके बाद दोपहर ढाई बजे फिर मार्ग को बंद कर मलबा हटाकर सड़क को चौड़ा किया गया। फिर शाम साढ़े छहे बजे पहले छोटे चारपहिया वाहन गुजारे गए। इसके बाद धीरे-धीरे बस, ट्रक आदि बड़े वाहनों की आवाजाही कराई गई। चौपहिया वाहन चालकों ने दर्ज की आपत्ति: स्सड़क तैयार होने का इंतजार कर रहे चारहिया वाहन चालकों और यात्रियों के विरोध पर दोपहिया वाहनों की आवाजाही रोकी गई।
उनका कहना था कि अगर लगातार दोपहिया वाहन और पैदल यात्री चलते रहेंगे तो काम नहीं होगा। ऐसे में चारपहिया वाहन चालक कैसे निकलेंगे। इस बीच छह घंटे में 300 से अधिक दुपहिया वाहन और 15 सौ से अधिक लोग आर-पार निकाले जा चुके थे। उन्होंने बड़े वाहनों के लिए भी जल्द मार्ग तैयार करने की मांग की।
लोगों की परेशानी को समझकर प्रशासन ने अपराह्न तीन बजे से फिर से यहां बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए कार्य किया। कोतवाल राकेश चन्द्र भट्ट ने बताया कि पैदल यात्रियों को दोपहर ढाई बजे तक आर-पार करवाया है। हल्के चौपहिया वाहनों के लिए सड़क शाम को खुल गई है।
सुलभ शौचालयों में 50 रुपये तक लेने के आरोप
पंजाब निवासी सिंगारा सिंह का आरोप है कि वे चार दिन से जोशीमठ के गुरुद्वारे में रुके हुए हैं। पानी की कमी के कारण वह और उनके साथी जोशीमठ के सुलभ शौचालय में गए तो वहां पर उनसे 10 रुपये के स्थान पर पचास-पचास रुपये लिए गए। बाजार में फल भी महंगे दामों में मिल रहे हैं।
उधर नगर पालिका के ईओ हयात सिंह रौतेला ने कहा कि सुलभ शौचालय या पालिका शौचालय में अधिक रुपये वसूले जा रहे हैं तो वह गलत है। जांच के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी। परेशानी में पर्यटकों की पालिका मदद कर रही है।
गुरुद्वारे में पानी की कमी, बाजार में दाम ऊंचे
जम्मू-कश्मीर से आए रंजीत सिंह, जालंधर पंजाब से आई निकिता, हरजिन्दर ने कहा कि वे श्री हेमकुंड साहिब यात्रा से लौट तो जोशीमठ में सड़क बंद हो गई। गुरुद्वारे में रहने खाने की पूरी व्यवस्था है, लेकिन नगर में पानी की किल्लत होने के कारण गुरुद्वारे में भी परेशानी हो रही है। गुरुद्वारा कमेटी टैंकरों से पानी ला रही है। कहते हैं कि बाजार गए थे, लेकिन सामान के दाम काफी महंगे हैं।