आरोपियों के कब्जे से आठ लैपटॉप, 50 मोबाइल फोन और अन्य उपकरण बरामद हुए हैं। इन्होंने मैच पर नजर रखने के लिए फाइबर इंटरनेट के दो कनेक्शन लगवाए हुए थे।
दुबई में बैठा सरगना इस पूरे गैंग का संचालन कर रहा था। उसने गिरफ्तार आरोपियों को बीस से तीस हजार रुपये मासिक वेतन पर रखा हुआ था। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि एसओ राजपुर पीडी भट्ट ने कुठाल गेट चौकी इंचार्ज संदीप कुमार और टीम संग बुधवार रात मसूरी रोड डीआईटी संस्थान के पीछे ब्राह्मणवाला स्थित एक फ्लैट में छापा मारा। तीसरे तल पर स्थित एक फ्लैट में आईपीएल पर सट्टे का धंधा चला रहे नौ आरोपी गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों की पहचान 26 वर्षीय सिराज मेमन निवासी छत्तीसगढ़, 23 वर्षीय सौरभ फाल्के निवासी चिलवाड़ा, 20 वर्षीय विवेक निवासी छत्तीसगढ़, 27 वर्षीय लोकेश गुप्ता निवासी मध्य प्रदेश, 23 वर्षीय सोनू कुमार निवासी बिहार, 24 वर्षीय मोनू बिसाई निवासी छत्तीसगढ़, 33 वर्षीय विकास कुमार निवासी बिहार, 23 वर्षीय शिवम मिश्रा निवासी रायपुर छत्तीसगढ़ और 21वर्षीय शत्रुघन कुमार निवासी मुजफ्फरपुर बिहार के रूप में हुई।
आरोपियों में शामिल सिराज मेनन ने उक्त फ्लैट करीब बीस दिन पहले 15 हजार रुपये महीना किराये पर लिया था। पूछताछ में पता लगा कि वह यहां रहकर आईपीएल पर सट्टे का धंधा चला रहे हैं।
देहरादून में पकड़ा गया सट्टे का धंधा दुबई से हो रहा था संचालित
देहरादून में पकड़ा गया सट्टे का धंधा ऑनलाइन दुबई से वेबसाइट के जरिए संचालित हो रहा था। गुरुवार को एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सरगना ने यहां गिरफ्तार हुए इन लोगों को 20 से 30 हजार रुपये मासिक वेतन पर रखा हुआ था।
आरोपियों के जरिए जो भी राशि जमा कराई जाती वह जीतने वालों के भुगतान के बाद बची राशि को सरगना अपने पास मंगा लेता। आरोपी ऑनलाइन सट्टा साइट लेजर, टाइगर और ऑल पैनल पर यह सट्टा खिलवा रहे थे। जिन्हें उन्होंने अपने मोबाइलों पर खोला हुआ था।
इन साइटों के जरिए ग्राहक सट्टे पर रकम लगाते हैं। ग्राहक से बातचीत और हारजीत का हिसाब व्हाट्सप ऑडियो कॉल और चेट के जरिए किया जाता। सट्टे का यह धंधा दुबई में बैठे शुभम नाम के व्यक्ति के कहने पर चला रहे थे। शुभम ही आरोपियों को वेतन दे रहा था।
आरोपी इन सट्टा एप के लिए बुकी की भूमिका में थे। शुभम आरोपियों को इन तीनों वेबसाइट के सट्टे के कॉइन के रूप में कूपन खरीद कर भेजता था। जिनके जरिए यह सट्टा खिलाया जाता।
हर मैच के दौरान होता था एक करोड़ का लेन-देन
आरोपी ग्राहकों से सट्टे की रकम ऑनलाइन जमा कराते। कोई ग्राहक रकम जीतता तो उसके पैसे भी ऑनलाइन वापस करते। इसके बाद जीती रकम सरगना शुभम अपने बैंक खाते में मंगवा लेता। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के बैंक खातों में हर मैच में करीब एक करोड़ रुपये का लेनदेन होता। करीब बीस करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन की जानकारी पुलिस ने जुटा ली है।