सोमवार को वायुसेना के एमआई-17, चिनूक और राज्य के हेलीकॉप्टरों की मदद से केदारनाथ से 136 और लिंचौली से 509 यात्रियों को रेस्क्यू किया गया। एयरलिफ्ट और पैदल मिलाकर कुछ 1401 यात्री सोमवार को रेस्क्यू किए गए।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने दावा किया कि केदारनाथ क्षेत्र से सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सोमवार को मौसम साफ हुआ तो गौचर हवाईपट्टी से चिनूक हेलीकॉप्टर ने 65 यात्रियों को रेस्क्यू किया।
एमआई 17 ने 61 यात्रियों को केदारनाथ से सुरक्षित निकाला। केदारनाथ से 10 बीमार एवं बुजुर्ग यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। इसके अलावा 509 लोगों को केदारनाथ से पैदल लिंचौली हेलीपैड लाया गया, यहां से इन्हें शेरसी और गुप्तकाशी पहुंचाया गया। सोमवार को हेली सेवाओं से कुल 645 यात्री रेस्क्यू किए गए।
पैदल गौरीकुंड से सोनप्रयाग 584 और केदारनाथ से चौमासी 172 यात्रियों को रेस्क्यू किया गया। गौरीकुंड, भीमबली, लिंचौली में अब कोई यात्री शेष नहीं है। गौरीकुंड और केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में 150 के करीब स्थानीय लोग ठहरे हैं। इनके लिए पर्याप्त राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई है। खच्चरों के लिए पशु चारा भी पहुंचाया है। आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार, पिछले छह दिनों में 11775 यात्रियों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है।
पैदल मार्ग पर तीन शव किए जा चुके बरामद
लिंचौली में एक यात्री का शव बरामद हुआ है। उसकी पहचान हरियाणा के जगाधरी निवास 21 वर्षीय गौतम के रूप में हुई है। 31 जुलाई से अब तक इस रूट पर तीन शव मिले हैं। पूरे क्षेत्र में स्निफर डॉग की मदद से सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में सोमवार का दो टीमों ने बड़ी लिंचौली, छोटी लिंचौली और भीमबली गौरीकुंड के क्षेत्र में ड्रोन के जरिये सर्च अभियान चलाया।