पहले जहां सभी तरह के पेड़ों को काटने के लिए अनुमति चाहिए होती थी, वहीं अब केवल 15 प्रजातियों को ही प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है।
प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु की ओर जारी अधिसूचना के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कृषि या गैर कृषि भूमि पर लगाए गए पेड़ों को काटने पर राहत दी गई है। अब निजी भूमि पर 15 प्रतिबंधित प्रजातियों को छोड़कर बाकी पेड़ों को बिना अनुमति के काटा जा सकेगा।
प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति भी विशेष परिस्थितियों में ही मिलेगी। इसमें पेड़ सूखने, फल न देने, बूढ़ा होने, गिरने वाला होने पर या किसी के लिए खतरा होना के चलते ही अनुमति मिल सकेगी। हालांकि इसके बदले दो पेड़ लगाने होंगे।
पेड़ ना लगा पाने की दशा में उसको लगाने और पांच साल तक देखभाल का पैसा वन विभाग को देना होगा। वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इससे जहां लोगों को सुविधा होगी, वहीं पेड़ों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
बांज, खरसू, फलियांट, मोरू, रियांज, ओक प्रजातियां),पीपल, बरगद, पिलखन, पाकड़, गूलर व बेडू, आम (देसी, कलमी, तुकमी, सभी किस्म के), कैल, खैर, देवदार, बीजा साल, बुरांस प्रजातियां, शीशम, सागौन, सदन, साल, चीड़, अखरोट, लीची