उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राजपुर रोड की वीआईपी सोसायटी के फ्लैट से रेडियो ऐक्टिव उपकरण, कैमिकल मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। अब तक की पूछताछ में पता चला कि आरोपी तबरेज आलम संवेदनशील डिवाइस को 11 महीने पहले सहारनपुर निवासी राशिद से खरीदकर लाया था।
आगरा का सुमित पाठक डिवाइस खरीदने के लिए दून पहुंचा था। आरोपी ने पुलिस को यह डिवाइस विदेश से लाने की बात कही। मगर, पुलिस का कहना है कि विदेश से रेडियो ऐक्टिव डिवाइस ला पाना संभव ही नहीं है। आरोपी किस मकसद से इसे लाए थे और कहां से लाए थे, इसकी जांच की जा रही है।
यूपी, दिल्ली से एमपी तक कनेक्शन
आरोपियों में सुमित पाठक निवासी बी-8 विजयनगर आगरा, तबरेज आलम निवासी ताजपुर बेहट सहारनपुर, सरवर हुसैन निवासी मोहन गार्डन उत्तमनगर दिल्ली, जैद अली निवासी जहांगीराबाद भोपाल और अभिषेक जैन निवासी बी-607 टॉप रेजिडेंसी करोल भोपाल मध्यप्रदेश शामिल हैं।
भाभा एटॉमिक सेंटर में बनाए जाते हैं इस तरह के डिवाइस
मौके पर रेडियो एक्टिव डिवाइस मिलने पर पुलिस ने जांच के लिए एसडीआरएफ की टीम मंगवाई। एसडीआरएफ ने जांच करके डिवाइस में रेडियो एक्टिव पदार्थ होने की आशंका जताई। पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और नरौरा एटॉमिक स्टेशन को सूचित किया। जांच में पता चला कि मुंबई स्थित सेंटर में ऐसी डिवाइस बनती हैं।
यह डिवाइस मेडिकल फील्ड या बड़ी-बड़ी पाइपलाइनों में लीकेज जांचने के काम आती है। ईमेल से भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर को सूचित किया गया। साथ ही सूचना पर नरौरा एटॉमिक पावर स्टेशन बुलंदशहर से रेडिएशन इमरजेंसी रिस्पांस टीम भी दून पहुंची। टीम ने करीब चार घंटे डिवाइस का परीक्षण किया और बताया कि डिवाइस में रेडियो एक्टिव पदार्थ नहीं है, लेकिन कुछ कैमिकल जरूर है। उधर, पुलिस ने पांचों आरोपियों पर बीएनएस की धारा 270, 271 और 272 में मुकदमा दर्ज किया है।
दिल्ली-फरीदाबाद भेजी जाएगी पुलिस की टीम
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, इस डिवाइस के लेन-देन में दिल्ली और फरीदाबाद के कुछ लोगों के जुड़े होने का भी पता चला। जल्द वहां जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस डिवाइस में मौजूद कैमिकल कितना खतरनाक है, इसका परीक्षण कराया जा रहा है।