कल्पना करिए आप वक्त में 4.6 अरब साल पीछे लौट पाएं और तारे को जन्म लेता देख सकें. सोचिए कैसा होगा ये अनुभव? शायद आप ये कल्पना ना कर पाएं लेकिन जेम्स वेब टेलिस्कोप ने कर दिखाया है. टेलिस्कोप ने कुछ ऐसी तस्वीरें क्लिक की हैं, जिसने वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष के रहस्यों को और करीब से जानने की जिज्ञासा को एक नया आयाम दे दिया है.
तस्वीर एक तारा की है जो साल-दर-साल अपने रूप बदल रहा है, जो ठीक एक फाइटर जेट जैसा दिखता है और इसकी खोज साल 2000 में की गई थी.
23 साल पहले वैज्ञानिकों ने तारे की खोज की थी जिसे HH212 के नाम से जाना जाता है. यह तारा कमोबेश 50 हजार साल पुराना है, जो कि स्पेस की दुनिया में बहुत कम माना जाता है. इस तारे का आकार एक फाइटर जेट जैसा है, और ये लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि तारा देखने में बिल्कुल वैसा ही जैसा हमारा सूर्य अपने जन्म के वक्त लगता होगा. हालांकि, पूरी तरह इस सितारे की चमक को देखना मुश्किल है. इसे प्रोटोस्टार भी कहते हैं जो कि पूरी तरह से गैस से ढंकी एक घूमती हुई डिस्क के पीछे छिपा है.
ओरियन नक्षत्र का हिस्सा है HH212
पृथ्वी से लगभग 1,300 प्रकाश वर्ष यानी अरबों किलोमीटर दूर एक तारामंडल है जिसमें तीन बेहद खास सितारे हैं. यह तारामंडल एक पैराणिक शिकारी की बेल्ट के आकार सा प्रतीत होता है. वैज्ञानिक इस तारामंडल को ऑरियन के नाम से जानते हैं. HH212 इसी ऑरियन तारामंडल का हिस्सा है.
कैसे मिला इस प्रोटोस्टार को HH212 नाम
तारे में गुलाबी और लाल रंग उसमें मौजूद मॉलिक्यूलर हाईड्रोजन को दर्शाता है. प्रोटोस्टार HH212 में HH दो हाईड्रोजन परमाणू बॉन्ड्स को दर्शाते हैं. इस प्रोटोस्टार के नाम में 212 इसलिए शुमार किया गया क्योंकि इस तारे में गैस के छल्लों के कारण शॉकवेव्स बाहर निकलती हैं, जो इसको इसकी चमक देतीं हैं.
तारे की चमक को 2.12 माइक्रॉन की इंफ्रारेड वेवलेंथ पर कैप्चर किया गया था. तारे का नामकरण 1940-50 के दशक में दो महान स्पेस साइंटिस्ट जॉर्ज हरबिग और गुइलेरर्मो हैरो के नाम पर किया गया है.
वैज्ञानिक HH212 पर पिछले तीस साल से शोध कर रहे हैं. इस तारे की हर गतिविधि पर बारीकि से नजर रखी जा रही है. टेलिस्कोप से मिली इन नई तस्वीरों ने वैज्ञानिकों की नए तारों के जन्म को लेकर जिज्ञासा को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है.
उनका मानना है कि इन नई तस्वीरों से ना सिर्फ प्रोटोस्टार HH212 के बारे में जानने को मिलेगा बल्कि अंतरिक्ष की और भी जटिलताओं और रहस्यों को सुलझाने में आसानी होगी.