सियोल। तमाम सख्त कानूनों और नियमों के बावजूद अमेरिकी टेक कंपनियां निजता का उल्लंघन करके यूजर्स का डाटा स्टोर करने से बाज नहीं आ रही हैं। इन पर लगाम लगाते हुए बुधवार को दक्षिण कोरिया सरकार ने गूगल और मेटा पर 10 हजार करोड़ वोन (571 करोड़ रुपये) का भारी जुर्माना लगाया है।
दोनों टेक कंपनियों को नागरिकों की निजी जानकारियां संरक्षित रखने के लिए बने निजता कानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया।
कोरिया के निजी सूचना संरक्षण आयोग के बयान के अनुसार, दोनों अमेरिकी टेक कंपनियों ने कोरियाई नागरिक कौन सी वेबसाइटें और एप्लीकेशन उपयोग कर रहे हैं, उन पर क्या-क्या गतिविधियां कर रहे हैं जैसी निजी जानकारियों को जमा किया। इनके आधार पर नागरिकों को विज्ञापन दिए गए।
आयोग ने इसे देश के कानून का उल्लंघन करार दिया और गूगल पर 6,920 करोड़ वोन और फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा पर 3,080 करोड़ वोन का जुर्माना लगाया। जुर्माने की इतनी बड़ी राशि को दक्षिण कोरिया में रिकॉर्ड कहा जा रहा है। आयोग के अनुसार भी निजता का उल्लंघन रोकने के लिए बने कानून के तहत यह उसके द्वारा लगाया गया अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
कंपनियों का पुराना राग
मेटा के प्रवक्ता ने बयान जारी किया ‘हम कोरियाई आयोग के निर्णय का सम्मान करते हैं लेकिन इससे सहमत नहीं हैं। हमें विश्वास है कि हम अपने ग्राहकों के साथ कानूनी तौर पर मान्य तरीके से और स्थानीय नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे हैं। इस आदेश को लेकर सभी रास्ते खुले हैं। हम अदालत में भी जा सकते हैं।’
98 फीसदी ने अनजाने में दी अनुमति
कोरियाई आयोग के अनुसार, मेटा के 98 फीसदी और गूगल के 82 फीसदी यूजर्स को पता नहीं था कि उन्होंने इन कंपनियों को अपना निजी डाटा उपयोग की अनुमति अनजाने में दे दी है। फिर भी कंपनियां उनका डाटा जमा करती रहीं।
ये थे आरोप
- कोरियाई नागरिकों को स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि वे उनकी निजता से जुड़ी कौनसी जानकारियां स्टोर कर रहे हैं
- यूजर्स के ऑनलाइन व्यवहार और रुचियों का किस प्रकार विश्लेषण कर रहे हैं, यह भी नहीं बताया
- सभी निजी जानकारियों, विश्लेषण के लिए नहीं ली पूर्व सहमति।
- नहीं बताया ‘कस्टमाइज्ड विज्ञापन’ देने में डाटा का उपयोग किस प्रकार होगा।