भारत के नए गेंदबाजी कोच के रूप में मोर्ने मोर्कल की हुई नियुक्ति, गौतम गंभीर भी चाहते थे की यही बने कोच

कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गौतम गंभीर की सिफारिश पर मोर्ने मोर्केल को ये पद मिला है। भारत का गेंदबाजी कोच बनने की रेस में लक्ष्मीपति बालाजी और आर विनय कुमार जैसे पूर्व क्रिकेटर भी थे। पारस म्हाम्ब्रे की जगह लेने वाले 39 साल के मोर्केल बांग्लादेश के खिलाफ 19 सितंबर से चेन्नई में शुरू होने वाली सीरीज के साथ टीम से जुड़ेंगे।

भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर के सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्य सहायक कोच अभिषेक नायर और क्षेत्ररक्षण कोच रेयान टेन डोएशे हैं। दोनों ने कोलकाता नाइट राइडर्स में उनके साथ काम किया है, जबकि मोर्केल लखनऊ सुपर जायंट्स में उनके साथ थे। मोर्केल नए मुख्य कोच गंभीर की पहली पसंद थे। सूत्रों के अनुसार मोर्केल को लक्ष्मीपति बालाजी और आर विनय कुमार जैसे विकल्पों पर तरजीह देकर गंभीर की सिफारिश पर सीधे नियुक्त किया गया है।

बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का काम मुख्य कोच के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेना था। जब सहायक स्टाफ के चयन की बात आई तो गंभीर की पसंद को प्राथमिकता देना जरूरी था। उन्होंने मोर्ने के साथ काम किया है और उन्हें गेंदबाजी कोच के तौर पर काफी पसंद करते हैं।”

जब यह स्पष्ट हो गया कि म्हाम्ब्रे की भूमिका को मोर्कल आगे बढ़ाएंगे तो बालाजी और विनय कुमार के नाम पर चर्चा नहीं की गई। डेल स्टेन के साथ मिलकर घातक तेज गेंदबाजी जोड़ी बनाने वाले मोर्कल ने भारत में भी काफी क्रिकेट खेला है और उन्हें यहां की परिस्थितियों की अच्छी जानकारी है। लोगों का मानना है कि मोर्कल ने आईपीएल में पिछले दो सत्र में मयंक के साथ काफी काम किया है, हालांकि यह तेज गेंदबाज अधिकांश समय चोटिल ही रहा।

उन्होंने कहा, ”इसके अलावा नवंबर के आखिरी हफ्ते में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ी श्रृंखला होने वाली है, ऐसे में इस दक्षिण अफ़्रीकी से बेहतर कोई विकल्प नहीं है जिन्होंने वहां काफी सफलता हासिल की है। इसके अलावा अगले साल इंग्लैंड का पांच टेस्ट मैचों का दौरा भी होगा जहां भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने पर छठा मैच होगा।”

मोर्केल ने पिछले साल वनडे विश्व कप के अंत तक पाकिस्तान टीम के साथ काम किया था और अपना अनुबंध समाप्त होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

मोर्केल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बदलाव के दौर से निपटना होगी क्योंकि मोहम्मद शमी अपने शानदार करियर के अंतिम चरण में प्रवेश कर रहे हैं और जसप्रीत बुमराह को मोहम्मद सिराज के अलावा एक और अच्छे साथी की जरूरत है, विशेषकर लाल गेंद के क्रिकेट में।

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