दुखद! शंभू बॉर्डर पर किसान की हार्ट अटैक से मौत, किसानों में रोष

अंबाला-दिल्ली नेशनल हाईवे स्थित मोहड़ा अनाजमंडी में रविवार को श्रद्धांजलि समागम की शुरूआत शुभकरण की याद में दो मिनट का मौन रखकर की गई। समागम में हरियाणा व पंजाब के किसान नेता पहुंचे। उधर, पुलिस भी अलर्ट है।

समागम स्थल से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर पुलिस की तरफ से फोर्स के अलावा वाटर कैन सहित दमकल विभाग की गाड़ियां खड़ी की गई है। जबकि किसानों को समागण में जाने से नहीं रोका जा रहा।

वहीं, रविवार को शंभू बॉर्डर पर अमृतसर के 71 वर्षीय दया सिंह ने हार्ट अटैक से मौत हो गई। समागम में किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने अगले कदम को लेकर पूछे सवाल में कहा कि पूरे देश में क्लश यात्रा व शहीदी समागम करवाएंगे। महापंचायत होगी।

मोर्चा इसी तरह से चलते रहेरा। यह भी रणनीति का नया हिस्सा है कि देश में नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा व नई सरकार आएगी। हम किसान मजदूर का झंडा टैग करवाएंगे। चाहे विपक्ष वाले हो चाहे सरकार वाले होंगे।

सबको हमारे बाले में बोलना पड़ रहा है चाहे हक में बोले चाहे विरोध में बोले। तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी प्राप्ति है। इस भाजपा गठजोड़ का विरोध होगा गांव में, हम कहेंगे भाजपा के जो भी लीडर है उनसे शांतिपूर्ण तरीके से सवाल करें कि हमारे शहीद शुभकरण को क्यूं शहीद किया और हमारे रास्ते क्यूं रोके गए। अन्य मांगों पर क्या सवाल होंगे। आगामी रणनीति आने वाले समय में बताएंगे।    

हमारी ओर से रास्ता बिल्कुल नहीं बंद, जब तक सरकार बिठाएगी वह बैठेंगे: पंढेर

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बॉर्डर बंद पर पूछे गए सवाल में पंडेर ने कहा कि उनकी ओर से रास्ता बिल्कुल भी नहीं बंद। आज सरकार खोल दे उन्हें, आज जाने दे। जब तक सरकार उन्हें बिठाएगी, तब तक वह बैठेंगे।

उन्होंने कहा कि प्याऊ माजरा के बाद मोहड़ा मंडी में दूसरा बड़ा समागम है। जो जनसमूह उमड़ा है, यह इनके बावजूद भी पूरी दहशत फैलाई गई। हरियाणा में जिस तरह से 70 हजार  800 सैनिक फोर्स लगाए गए, जिस तरह से कार्रवाई की।

पिछले दिनों ही वाटर कैनन वाले नवदीप को गिरफ्तार किया गया। इतनी दहशत के बावजूद भी लोग बढ़ी तादाद में आए है। सरकार का भ्रम तोड़ दिया है कि यह केवल पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन है। देश के किसान व मजदूर के हित में लड़ा जा रहा है।

आज भी उनकी मांग है कि दिल्ली में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने दिया जाए तो हमारा मौलिक अधिकार है। उनकी मांगों को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि वह हरियाणा के किसानों का शुक्रिया करेंगे कि इतने डर के बावजूद वह उमड़ कर आए है, यह बहुत बड़ी बात है। 

फौज से रिटायर्ड था मृतक किसान दया सिंह 

बताया जाता है कि मृतक 71 वर्षीय किसान दया सिंह लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर आंदोलन में सक्रिय थे। अमृतसर निवासी दया सिंह सेना से रिटायर थे और अपनी 10 बीघे जमीन पर खेती किया करते थे। उनके पास दो बेटे है और दोनों ही शादीशुदा है। बॉर्डर पर अलसुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

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