राजमा यानी रेड किडनी बींस, भारतीयों खासतौर पर पंजाबियों और उत्तर भारत की फेवरेट डिश है। इसे लोग चावल के साथ खाना खूब पसंद करते हैं। वेट लॉस करना हो या फिर मसल्स मजबूत बनानी हो डायटीशियन हमेशा इसे खाने की सलाह देते हैं।
वेजिटेरियन लोगों के प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत में राजमा भी शामिल रहता है। लेकिन कभी सोचा है कि आखिर चने और मूंग की तरह इसे कच्चा खाने की सलाह क्यों नहीं दी जाती। लाल राजमा को कच्चा ना खाने की सलाह देने के पीछे इसका जहरीला होना है।
लाल राजमा होता है जहरीला
रेड किडनी बींस यानी 100 ग्राम लाल राजमा में प्रोटीन करीब 9 प्रतिशत होता है। जो कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सबसे रिच सोर्स माना जाता है। इसके साथ ही लाल राजमा में कार्ब्स, फाइबर भी अच्छी खासी मात्रा में होते हैं। लेकिन ये सारे गुण तभी मिल सकते हैं जब आप इसे अच्छी तरह से भिगोकर और पकाकर खाते हैं।
कच्चा खाना होता है जहरीला
कच्चे लाल राजमा में टॉक्सिक तत्व फाइटोहेमग्लगुटिनिन होता है। जो कि एक जहर है। इसकी मात्रा शरीर में बढ़ जाने पर आंतों को डैमेज होने का खतरा रहता है। कच्चे किडनी बींस को खाने से डायरिया हो जाता है और ये पेट को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाता है।
कनाडा की रिसर्च में भी हो गया खुलासाकनाडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फूड सेफ्टी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रेड किडनी बींस में फाइटोहेमग्लगुटिनिन नामका जहर होता है। जो आंतों को डैमेज कर देता है।
रिपोर्ट के मुताबिक लाल राजमा को करीब 10 मिनट तक पकाना जरूरी है। इससे कम देर पकने पर रेड किडनी बींस में मौजूद जहर पांच गुना तक बढ़ सकता है और आंत को नुकसान पहुंचाता है।
हालांकि लाल राजमा की तुलना में सफेद राजमा जिसमे लाल रंग के धब्बे होते हैं। उनमे किसी भी तरह के जहर के बारे में नहीं बताया गया है।
इस तरह खाना होगा सेफ
राजमा को खाने के लिए जरूरी है कि अच्छी तरह से पकाकर ही खाया जाए। कम पका राजमा पेट की गड़बड़ी का कारण बन सकता है। इसलिए राजमा को पानी में भिगोकर और पकाकर ही खाएं।