Typhoid Precautions: टाइफाइड होने पर बरतें ये सावधानियां, इन नुस्खों से मिलेगा जल्द आराम

नई दिल्ली, 11 सितम्बर , 2023 : इस समय देश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। जमा पानी और जल प्रदूषण के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। मुख्य रूप से टाइफाइड के मामले बढ़ रहे हैं। आइए देखें कि टाइफाइड कैसे फैलता है, इसे कैसे रोकें, क्या सावधानियां बरतें।

टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है। यह रोग साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से फैलता है। दूषित भोजन और दूषित पानी पीने से आंतों में अल्सर हो जाता है जिससे टाइफाइड रोग हो जाता है। इस रोग के होने पर मुख्य रूप से उच्च तापमान, ठंड लगना, पसीना आना, भूख न लगना, उल्टी, आवाज बैठना, सिरदर्द, ठंड लगना और खांसी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। 

टाइफाइड मुख्य रूप से खराब स्वच्छता के कारण होता है। इसलिए घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। निर्जलीकरण से बचने के लिए खूब पानी पियें। टाइफाइड से राहत पाने के लिए अदरक और तुलसी की चाय फायदेमंद है।

इसके अलावा, यह खांसी और सर्दी को आश्चर्यजनक रूप से कम करता है। तुलसी की पत्तियां भी टाइफाइड को कम कर सकती हैं। कुछ तुलसी की पत्तियां लें और इसमें थोड़ा सा नीम का रस, थोड़ी सी काली मिर्च और थोड़ा सा अदरक डालकर पीस लें।

इस मिश्रण को एक गिलास पानी में डालकर अच्छे से उबाल लें। अच्छे परिणाम के लिए इसे दिन में 2-3 बार लें। इसे पीने से आधे घंटे पहले और बाद में क्या नहीं खाना चाहिए। वहीं, टाइफाइड के इलाज में भी लहसुन बहुत उपयोगी है।

यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है. लहसुन की कुछ कलियाँ मसल कर तेल या घी में भून लें। सिन्थानम के साथ लेने पर टाइफाइड बुखार को कम किया जा सकता है। इसे दिन में दो बार पियें। 

टाइफाइड के रोगी को हल्का भोजन देना चाहिए । क्योंकि टाइफाइड होने पर पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है। इसीलिए हल्का खाना जल्दी पच जाता है। भोजन करते समय आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए।

इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि खाए जा रहे भोजन पर मक्खियाँ न लगें। बेहतर होगा कि बाहर के खाने से पूरी तरह परहेज करें। अगर आपको बाहर खाना ही पड़े तो गरम-गरम ही खाएं। 

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