अंतरिक्ष से अबतक का सबसे बड़ा एस्टेरॉयड धरती पर लाने में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को मिली सफलता

लास एंजिलिस, 25 सितम्बर, 2023 : अंतरिक्ष से अबतक का सबसे बड़ा एस्टेरॉयड धरती पर लाने में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को सफलता मिली है। नासा का पहला अंतरिक्ष कैप्सूल सात साल की अपनी यात्रा को पूरी करके रविवार को उताह रेगिस्तान में लैंड हुआ। इस कैप्सूल की सफलता पर नासा में खुशी का माहौल है।

दरअसल नासा के वैज्ञानिकों को लंबे समय से इसका इंतजार था। ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने स्पेस कैप्सूल को धरती से 63,000 मील की दूरी पर छोड़ा था। जिसके बाद रविवार को यह कैप्सूल पैराशूट के जरिए सेना के उताह परीक्षण रेंज में उतरा।

जानकारी के अनुसार नासा का यह स्पेस कैप्सूल धरती पर तकरीबन एक कप जितना बड़ा एस्टेरॉयड लेकर धरती पर आया है। हालांकि जब स्पेस कैप्सूल का कंटेनर खोला जाएगा तो इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि इसमे और क्या खासियत है।

अंतरिक्ष से एस्टेरॉयड का इतना बड़ा नमूना धरती पर लाने वाला अमेरिका पहले देश बन गया है। इससे पहले जापान सिर्फ एक चम्मच भर एस्टेरॉयड का सैंपल धरती पर ला सका था।

नासा की ओर से इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा गया है कि स्पेस कैप्सूल काफी अच्छी हालत में है। यह नुकीले हिस्से से धरती पर पहुंचा और इसपर टिका है। जब यह कैप्सूल धरती के वायुमंडल में पहुंचा तो इसकी रफ्तार काफी ज्यादा थी।

इसकी रफ्तार बंदूक से निकली गोली से 15 गुना अधिक थी। जो एस्टेरॉयड यह स्पेस कैप्सूल लेकर आया वह तकरीबन 4.6 अरब साल पुराने चट्टान का टुकड़ा है, लिहाजा इससे सौर मंडल के कई राज खुल सकते हैं।

पृथ्वी की संरचना कैसे हुई और जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई, इसे समझने में यह एस्टेरॉयड काफी मदद कर सकता है। बता दें कि नासा ने 2016 में अपना यह मिशन शुरू किया था। बेन्नू नामक क्षुद्रग्रह के नजदीक पहुंचने के बाद इस स्पेस कैप्सूल ने 2020 में सैंपल इकट्ठा किया था। जिसे सोमवार को नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र ले जाया जाएगा।

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