इजराइल हमास की जंग में गाजा शहर तबाह हो गया है. हजारों घर, स्कूल से लेकर अस्पताल, धार्मिक स्थलों तक जमींदोज कर दिए गए हैं. सेना उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारी बमबारी कर रही है. बीते कुछ दिनों से इजराइली सेना के निशाने पर गाजा के शरणार्थी शिविर आ गए हैं.
मध्य गाजा में एक बार फिर एक शरणार्थी कैंप पर हमला हुआ है जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई. हैरानी की बात है कि इन शरणार्थी शिविरों में वो ही लोग रह रहे हैं, जो 75 साल पहले बेघर हो गए थे. इजराइली सेना गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन कर रही है और पूरे शहर में अबतक बच्चे-बूढ़े और महिलाओं समेत 9,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.
मध्य गाजा में ब्यूरिज शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया गया है, जो शहर के अन्य शिविर की तुलना में छोटा है. इजराइली सेना ने ऐसा तीसरी बार है जब किसी शरणार्थी कैंप को निशाना बनाया है. हमले की वजह से कई घर ध्वस्त हो गए और बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंस गए.
ब्यूरिज कैंप में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के तहत लगभग 46,000 रजिस्टर्ड फिलिस्तीनी शरणार्थी रहते हैं. पिछले कुछ दिनों में, इजराइल ने शरणार्थी शिविरों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं, जो गाजा के भीतर घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं.
इजराइली बमबारी में गाजा में 9000 लोगों की मौत
इजराइली सेना का दावा है कि वह अपने हमलों में विशेष रूप से हमास कमांडरों को निशाना बना रही है. हमास लड़ाकों पर स्ट्राइक करने की आड़ में की गई बमबारी में 3500 से ज्यादा बच्चों की जान चली गई, हजारों महिलाओं की मौत हो गई.
पूरो गाजा शहर में गुरुवार तक 9000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. बमबारी की वजह से शहर की 23 लाख आबादी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है.
यूनाइटेड नेशन के कैंप्स और उसकी कोशिशों के बावजूद कुछ ही सहायता सामग्री फिलिस्तीनियों तक पहुंच पा रही है. उनके पास पीने का साफ पानी तक नहीं है. महिलाओं को पीरियड की समस्या के लिए दवा लेनी पड़ रही है, गर्भवति महिलाओं को अस्पताल में ठीक ढंग से इलाज नहीं मिल पा रहा है.
बिजली प्रभावित होने की वजह से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हुई है. युद्ध में आम लोगों पर सीधा हमला करना, उन्हें निशाना बनाना युद्ध अपराध माना जाता है.
गाजा के लोगों ने लगाए ‘नरसंहार-नरसंहार’ के नारे
फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक, ब्यूरिज कैंप पर हमले के अलावा, इजराइल ने लगातार तीन दिनों तक जबालिया शिविर पर भी हमले किए, जिसमें 195 लोगों की मौत हो गई, जबकि 120 लोगों के लापता होने की खबर है.
संभवत: वे जमींदोज घरों के मलबे के नीचे दब गए हैं. ब्यूरिज के निवासियों ने गुस्से और दुख के “नरसंहार, नरसंहार” के नारे लगाए.
1948 में बना था ब्यूरिज कैंप
गाजा में कई अन्य शिविरों की तरह, ब्यूरिज कैंप की स्थापना भई 1948 के बाद हुआ था, जहां बाहर से आकर बसने वाले यहूदियों ने स्थानीय अरब आबादी के साथ विवाद शूरू किया, उन्हें उनके घरों से बेदखल कर दिया, जहां वे आजतक अपने घर-गांव-शहर की तमन्ना लिए बैठे हैं.
वो ही लोग आज अपने ही देश में शरणार्थी बने हैं. आसपास के पड़ोसी देशों और वेस्ट बैंक से लेकर गाजा तक में 58 ऐसे शरणार्थी कैंप हैं, जहां 15 लाख फिलिस्तीनी रह रहे हैं.