यूक्रेन का लाइमैन पर दोबारा कब्जा, पीछे हटने को मजबूर हुए रूसी सैनिक

कीव। यूक्रेनी बलों ने शनिवार को एक जवाबी कार्रवाई में रणनीतिक पूर्वी शहर लाइमैन के कई क्षेत्रों को फिर अपने कब्जे में ले लिया है। पांच से छह हजार रूसी सैनिकों को शहर से पीछे हटना पड़ा। रूस की समाचार एजेंसियों ने रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से यह जानकारी दी है।

लाइमैन यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर और एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र खारकीव से 160 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में है। इसे रूसी नियंत्रण से वापस लेना यूक्रेन के लिए एक नई जीत है।

उधर रूस ने यूक्रेनी क्षेत्र में फिर बमबारी तेज कर दी है। मालूम हो कि लाइमैन शहर रूसी सैनिकों के लिए जमीनी संचार और रसद दोनों के लिए एक प्रमुख परिवहन केंद्र के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण स्थल भी रहा है।

अब रूस के हाथ से इसके निकल जाने से यूक्रेनी सैनिक लुहांस्क क्षेत्र में आगे तक बढ़ने की कोशिश कर सकते हैं जो रूस द्वारा शुक्रवार को एक जनमत संग्रह के जरिए अपनी भूमि में मिलाए गए चार क्षेत्रों में से एक है।

रूस पर यूक्रेनी एटमी ऊर्जा संयंत्र प्रमुख को अगवा करने का आरोप

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूसी संघ में विलय के ठीक दूसरे दिन रूस पर जपोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के महानिदेशक को अगवा करने का आरोप लगा है। यह आरोप यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा प्रदाता ने लगाया।

कंपनी एनर्गोटम ने कहा कि रूसी सेना ने संयंत्र के प्रमुख इहोर मुराशोव का अपहरण कर लिया है। संयंत्र पर रूसी सैनिकों का कब्जा है। एनर्गोटम अध्यक्ष पेट्रो कोटिन ने कहा, रूसी सैनिकों ने मुराशोव की कार को रोका, उनकी आंखों पर पट्टी बांधी और फिर उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले गए।

पुतिन ने ‘दोहरे मानक’ पर की पश्चिम की निंदा

राष्ट्रपति पुतिन ने दुनिया को पश्चिम की औपनिवेशिक नीति, भारत-अफ्रीका में लूटपाट, दास व्यापार व अमेरिकी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बारे में याद दिलाया। उन्होंने पश्चिमी देशों की नियम आधारित विश्व व्यवस्था पर जोर को ‘अव्वल दर्जे का धोखा’ बताया और उनके ‘दोहरे मानक’ की निंदा की।

पुतिन के सहयोगी ने यूक्रेन में कम विकिरण वाले परमाणु हथियारों का उपयोग करने की दी सलाह

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी और चेचन गणराज्य के नेता रमजान कादिरोव ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर लाइमैन पर यूक्रेन का फिर से कब्जा करने और रूसी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर पुतिन को युद्ध के मैदान में कम विकिरण वाले परमाणु हथियारों का उपयोग करने की सलाह दी है।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सीएनएन के हवाले से बताया है कि यूक्रेन में रूसी सेना को हार का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए राष्ट्रपति पुतिन पर परमाणु उपयोग करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

कादिरोव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि “मुझे नहीं पता कि रक्षा मंत्रालय सर्वोच्च कमांडर-इन-चीफ को क्या रिपोर्ट करता है, लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि हमें सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ घोषित करने और कम-प्रभाव वाले परमाणु हथियारों का उपयोग करने सहित अधिक कठोर उपाय करने की आवश्यकता है।

यूक्रेन में पश्चिमी अमेरिकी समुदाय को ध्यान में रखते हुए हर निर्णय लेने की आवश्यकता नहीं है।” चेचन नेता ने रणनीतिक शहर लाइमैन से रूसी सेना की वापसी के बीच रूसी जनरलों को भी फटकार लगाई और कहा कि क्रेमलिन के लिए कठोर कदम उठाने का समय आ गया है।

संयुक्त राष्ट्र की 36 सदस्यीय विमानन परिषद से रूस बाहर

संयुक्त राष्ट्र की विमानन एजेंसी की संचालन परिषद में रूस को पुनर्निर्वाचित नहीं किया गया है। रूस के परिषद से बाहर होने को पश्चिमी देशों की कामयाबी माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (आईसीएओ) की 36 देशों वाली संचालन परिषद में बने रहने के लिए रूस को पर्याप्त वोट नहीं मिल पाए। मोंटेरियल में परिषद की बैठक सात अक्तूबर तक चलेगी।

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