अपने कब्जे वाली जगहों को यूक्रेन से अलग करने की तैयारी में रूस, पश्चिमी देशों ने कोसा

कीव। यूक्रेन के अपने कब्जे वाले चारों इलाकों का रूस औपचारिक विलय करने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि इन इलाकों में जनमत संग्रह रूस के पक्ष में कराया गया है। हालांकि मॉस्को को पड़ोसी देश पर हमले के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव से राहत मिलने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है।

यूक्रेन के दक्षिण और पूर्वी क्षेत्र में रूस समर्थक प्रशासन ने कहा कि पांच दिन तक क्रेमलिन की शह पर चले मतदान में नागरिकों ने रूस में मिलने की बात कही। रूस द्वारा नियुक्त मतदान अधिकारियों ने कहा, जपोरिझिया में 93, खेरसान में 87, लुहांस्क में 98 और दोनेस्क में 99 फीसदी लोगों ने रूस में विलय का समर्थन किया।

अधिकारियों ने कहा, वे अब राष्ट्रपति पुतिन से इन इलाकों के रूस में विलय का अनुरोध करेंगे। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उधर, अमेरिका व पश्चिमी देशों ने कहा कि इस मतदान से रूस पड़ोसी देश पर हमले को उचित ठहराने का व्यर्थ प्रयास कर रहा है। उन्होंने मतदान को अवैध व झूठा बताया।

यूक्रेन बोला- बंदूक के बल पर कराया मतदान…

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसे रूसी हथकंडा बताते हुए कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है। इन इलाकों के लोगों से बंदूक के बल पर कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराए गए। यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता का रूस का यह एक और अपराध है। ईयू, नाटो और जी-7 से रूस पर दबाव बनाने के लिए नए प्रतिबंध लगाने और यूक्रेन को सैन्य सहायता बढ़ाने की मांग की गई है।

मानव केंद्रित रुख जारी रखेगा भारत : रुचिरा कांबोज

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत बार-बार यूक्रेन युद्ध तत्काल रोकने और इस मसले का हल बातचीत और कूटनीति के माध्यम निकालने की बात कहता रहा है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह गहरी चिंता का विषय है। भारत इस मामले में मानव केंद्रित रुख जारी रखेगा।

गैस पाइपलाइन हमले का प्रतिशोध लेगा ईयू

यूरोपीय यूनियन ने रूस से जर्मनी तक जा रही दो प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में लीक के खिलाफ गुस्सा जताते हुए चेतावनी दी कि यूरोप के ऊर्जा नेटवर्क पर किसी भी हमले का प्रतिशोध लिया जाएगा। सभी 27 देशों की ओर से बॉरेल ने कहा, अब तक उपलब्ध सूचना के मुताबिक, पाइपलाइन में रिसाव जानबूझकर कराया गया।

हालांकि अभी इसके दोषियों की पहचान नहीं हो पाई है। यूरोप के ऊर्जा ढांचे में बाधा उत्पन्न करने का कोई भी प्रयास पूरी तरह अस्वीकार्य है। इसका संयुक्त रूप से कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम जल्द इस पर प्रतिक्रिया देंगे।

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