एक कहावत है कि दूध से जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दूध से जली कांग्रेस अब 2024 के लिए 2023 के चुनाव में छाछ फूंक-फूंक कर पी रही है, क्योंकि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को मिशन-2024 का लॉचिंग पैड माना जा रहा है.
यही वजह है कि राहुल गांधी का राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचार का पैटर्न पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है.
राहुल गांधी पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में सिर्फ चुनावी रैलियां ही संबोधित नहीं कर रहे हैं बल्कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तर्ज पर कैंपेन करते हुए नजर आ रहे हैं. राहुल गांधी जिस भी राज्य में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे हैं, वहां पर दो से तीन दिन डेरा जमाकर कांग्रेस के चुनावी अभियान को धार दे रहे हैं.
इतना ही नहीं वह इस दौरान पदयात्रा कर रहे हैं और अलग-अलग सामाजिक संगठनों के साथ संवाद भी कर रहे हैं. साथ ही युवा, महिला, किसान और एनजीओ के लोगों के साथ मुलाकातें कर उनकी समस्याओं को समझ रहे हैं और फिर उसके बाद चुनावी रैलियों में एजेंडा सेट कर रहे हैं.
तेलंगाना-मिजोरम में राहुल गांधी ने बिताए तीन दिन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मिजोरम और तेलंगाना में तीन-तीन दिन गुजारे हैं. इस दौरान वह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समय जिस तरह जमीनी हकीकत जानने और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया था, उसी तरह से तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव प्रचार करने के साथ-साथ अलग-अलग संगठनों के साथ संवाद करके कांग्रेस को जिताने की अपील करते हुए दिखे हैं.
इसी तरह राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में भी दो दिन तक डेरा जमाए रखा था और अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर प्रचार किया. इसके बाद वहीं पर उन्होंने सामाजिक संगठनों के साथ मुलाकात की है.
मध्य प्रदेश में राहुल गांधी के चुनाव प्रचार का कार्यक्रम बन चुका है और राजस्थान में बनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर रखा है और राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड को बदलने की कोशिश में है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कर्नाटक की तरह चुनाव प्रचार का प्लान बनाया है, जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित दिग्गज नेताओं की रैलियां कराने की योजना बनाई है.
राहुल गांधी की अलग-अलग राज्यों में रैलियां
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे मध्य प्रदेश में कुल 22 रैलियों को संबोधित करेंगे जबकि प्रियंका गांधी छह चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगी और राहुल गांधी रैलियां करने के साथ-साथ छह से अधिक पदयात्राएं निकालेंगे. राहुल एमपी में पहले चरण के चुनाव प्रचार के लिए 9 नवंबर से उतरेंगे और दो दिनों तक डेरा जमाए रखेंगे.
राहुल गांधी 9 नवंबर को नई सराय, अशोक नगर, चंदेरी, जबलपुर ईस्ट, जबलपुर वेस्ट विधानसभा सीट पर पदयात्रा करेंगे. इसके बाद 10 नवंबर को सतना में रैली संबोधित करेंगे. इसके बाद राहुल गांधी का दूसरा दौरा 13 नवंबर को है और दो दिनों तक चुनाव प्रचार करेंगे.
इस दौरान राहुल गांधी टिमरनी,उदयपुरा, इकबाल नगर और भोपाल की सीटों पर पदयात्रा करेंगे जबकि दूसरे दिन 14 नवंबर को वो विदिशा, राजनगर और खजुराहो में चुनावी प्रचार करेंगे. राहुल गांधी जिस दिन एमपी में नहीं रहेंगे, उस बीच प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे चुनावी अभियान को धार देती हुई नजर आएंगी.
पांच राज्यों का चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव का ट्रेलर
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाएगा. ऐसे में कांग्रेस किसी तरह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी पूरी तरह से चुनाव प्रचार में उतर गए हैं.
दक्षिणी राज्य तेलंगाना से लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तूफानी चुनाव प्रचार करके सियासी माहौल बनाने की रणनीति है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने लोकलुभावने वादों की गारंटी दे रखी है और उसी आधार के पर सियासी बिसात बिछा रही है. ऐसे में देखना है कि राहुल गांधी का बदला हुआ सियासी पैटर्न कांग्रेस के लिए कितना मुफीद साबित होता है.