नई दिल्ली, 13 सितम्बर, 2023 : बच्चा जैसे ही 6 महीने का होता है, वैसे ही उसे थोड़ी बहुत सॉलिड चीजें खिलाना शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि बच्चे के लिए पहला खाना पौष्टिक, मुलायम, मीठा और बनाने-खाने में आसान होना चाहिए।
फलों में बच्चों को सबसे पहले केला खिलाना शुरू किया जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण केला बच्चों के संपूर्ण विकास में मदद करता है। वैसे तो बेबी के लिए इसके कई फायदे हैं लेकिन इसे खिलाते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
बच्चे को केला खिलाते समय इन बातों का रखें ख्याल :
बच्चे को पूरी तरह से पके केले खिलाएं क्योंकि ये पचाने में आसान, मीठे, सॉफ्ट और टेस्टी होते हैं।
जिन शिशुओं को खांसी या सांस लेने में समस्या है, उन्हें केला देने से बचना सबसे अच्छा है।
रिपोर्ट्स कहती हैं कि केला ज्यादा बलगम बनाकर सर्दी या खांसी को बदतर बना सकती है।
देर रात केला खाने से बच्चे को ब्लोटिंग या गैस की समस्या बढ़ सकती है।
बच्चे को पहली बार केले की प्यूरी या मैश करके खिलाएं।
पने बच्चे को बहुत ज्यादा केले न दें, क्योंकि इससे उनका पेट भर सकता है और उन्हें दूध और अन्य खाने की भूख कम हो सकती है।
बेबी को केले कब खिला सकते हैं?
जैसे ही आपका बच्चा 6 महीने का हो जाए या उसने ठोस खाना शुरू कर दिया हो, आप उसकी डायट में केला शामिल कर सकती हैं।
चम्मच से दूध पीने वाले और दूध छुड़ाने वाले दोनों बच्चों को केला खिलाया जा सकता है। 6 महीने के बच्चे के लिए रोजाना एक छोटा केला अच्छा है।