दिल्ली में एक बार फिर गंभीर श्रेणी प्रदूषण का स्तर, अगले दो दिनों तक दिल्ली को प्रदूषण से निजात नहीं
देश की राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी प्रदूषण की समस्या जस की तस बनी हुई है. हालात बिगड़ने की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील हो गया है.
माना जाता है कि पराली जलाने से राजधानी में हालात बिगड़ते हैं. इसके लिए राज्य सरकारों ने बीते कुछ सालों में एक्शन भी लिए और इसका फायदा भी देखा जा रहा है लेकिन बावजूद इसके प्रदूषण कम नहीं हुआ.
किसानों ने इस साल भी जमकर पराली जलाई है, जिसका खामियाजा राजधानी दिल्ली को भुगतना पड़ रहा है. पराली जलाने की घटनाएं बुधवार को 1,921 तक पहुंच गईं, जो मौजूदा सीजन में सबसे ज्यादा है. यह एक दिन पहले अलग-अलग जगहों पर पराली जलाने की 1,389 घटनाओं से 28 फीसदी ज्यादा है.
पराली जलाने के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान का जिला संगरूर सबसे आगे है, जहां 31 अक्टूबर को 221 जगहों पर पराली जलाई गई. हालांकि, सामूहिक पराली जलाने की घटनाओं पर गौर किया जाए तो यह पिछले साल की तुलना में कम है.
पंजाब, हरियाणा, यूपी में कम जलाई गई पराली
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल 2 से 12 नवंबर के बीच प्रत्येक दिन औसतन 2500 और 3500 घटनाएं सामने आईं, जहां 11 नवंबर को एक में 3,916 घटनाएं और 2 नवंबर को पंजाब में 3,634 घटनाएं दर्ज की गई.
वहीं इस साल 15 सितंबर से 1 नवंबर के बीच सैटेलाइट इमेजरी के मुताबिक, पंजाब में 9,594, हरियाणा में 1296 और उत्तर प्रदेश में 1029 घटनाएं सामने आईं. इसी अवधि में पिछले साल पंजाब में 17,846, हरियाणा में 2083 और उत्तर प्रदेश में 777 घटनाएं दर्ज की गई थी.
पराली जलाने से दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण का स्तर
केंद्रीय भू-विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करने वाले डिसिजन सपोर्ट सिस्टम का मानना है कि आसपास के राज्यों में पराली जलाने की घटना का दिल्ली में गुरुवार को पीएम2.5 के स्तर को बढ़ाने में 22.4 फीसदी योगदान रहा, जबकि शुक्रवार को यह 21 फीसदी रहा.
ऐसे तो अक्टूबर महीने में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं. एयर क्वालिटी कमिशन का कहना है कि 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटना में 53 फीसदी की गिरावट देखी गई.
अगले दो दिनों तक दिल्ली को प्रदूषण से निजात नहीं
दिल्ली में एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम ने अपने एक बुलेटिन में बताया कि आने वाले कुछ दिनों तक राजधानी में हालात और बिगड़ सकते हैं. कम से कम अगले दो दिनों तक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में होगा. इस पूरे हफ्ते दिल्ली को प्रदूषण की इस गंभीर समस्या से निजात मिल पाना मुश्किल है.
दिवाली की आतिशबाजी और दिल्ली की समस्या
अनुमानों के मुताबिक, गुरुवार को राजधानी में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में है. यह हालात तब है जब दिवाली की आतिशबाजी बाकी है. राजधानी में तो पटाखे बैन हैं लेकिन आसपास के राज्यों में होने वाली आतिशबाजी से दिल्ली अछूता नहीं है.
मसलन, इस मौके पर राजधानी में प्रदूषण का स्तर गंभीर से बहुत गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है, जिससे एक स्वस्थ्य आदमी भी बीमार पड़ जाता है. अब देखना होगा कि दिवाली के लिए दिल्ली और आसपास की राज्य सरकारें राजधानी को गैस चैम्बर बनने से बचाने में कितना सपोर्ट करते हैं.