क्यों जलाते हैं दिवाली की रात घी और तेल का दिया, क्या आपको मालूम है इसके पीछे की कहानी

हिंदू धर्म में दिवाली सबसे बड़े त्योहार के रूप से मनाई जाती है. सालभर लोगों को इस त्योहार का इंतजार रहता है. कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है. इस बार ये 13 नवंबर को  मनाई जाएगी.

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग पहले से ही तैयारी शुरु कर देते हैं नए दीपक खरीदने से लेकर रंगोली डालना, तरह-तरह के पकवान बनाना आदि. दिवाली के दीपक जलाकर घर को रौशन किया जाता है और पटाखे जलाएं जाते हैं. 

शास्त्रों के अनुसार इस दिन प्रभु श्रीराम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और अयोध्यावासियों ने दीपक जलाकर खुशियां मनाई थी. लेकिन आखिर इस दिन मिट्टी के दीपक में एक घी और बाकी तेल के ही दीपक क्यों जलाते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का महत्व. पहले हम जानेंगे आखिर दिवाली की रात क्यों जलाए जाते हैं दीपक. 

दीपक जलाने का महत्व

दिवाली के दिन दीपक जलाना शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार के दिन घर में महालक्ष्मी का आगमन होता है. इसलिए उनके स्वागत के लिए घर में दीपक जलाएं जाते हैं. इसके साथ ही दीवाली का त्योहार अमावस्या के दिन मनाया जाता है इसलिए इस दिन घर में दीपक जलाकर अंधेरी रात को दूर किया जाता है.

वहीं, इस दिन रात में एक घी का दीपक और बाकी तेल के दीपक जलाने की परंपरा है. जानें आखिर इस परंपरा के पीछे की कहानी. 

इसलिए जलाते हैं घी और तेल के दीपक

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो घर में मिट्टी का दीपक सरसों का तेल डालकर जलाने से शनि और मंगल ग्रह मजबूत होते हैं. दरअसल मिट्टी को मंगल का प्रतीक माना जाता है वहीं तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है. इस दिन मिट्टी का दीपक तेल डालकर जलाने से इन ग्रहों के द्वारा आ रही समस्याएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. 

वहीं दिवाली के दिन घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. गाय के घी का दीपक जलाने से लक्ष्मी मां प्रसन्न होती है और व्यक्ति पर अपना आशीर्वाद बनाएं रखती है, जिससे घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती और व्यक्ति की तरक्की नहीं रुकती. इसलिए पूजा के दौरान सबसे पहले लक्ष्मी जी के सामने घी का दीपक जलाते हैं.

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