बदायूं : जिंदा बताकर परिजनों को सौंप दी मृत बच्ची, डॉक्टर पर मुकदमा हुआ दर्ज

बदायूं के एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार शाम मासूम बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉक्टर ने कंबल में लपेटकर बच्ची परिजनों को दे दी। कहा- ठीक है, घर ले जाओ। परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

सिविल लाइंस थाना में रोजगार दफ्तर के पास रहने वाले अमित गुप्ता का कहना है कि उनकी 21 दिन की बेटी प्रीति को बृहस्पतिवार को सर्दी का असर हो गया था। उसे लालपुल स्थित न्यू फैमिली हॉस्पिटल में दिखाया। 

डॉ. जुनैद आलम ने बच्ची को देखा। बताया कि हालत ज्यादा खराब है। मशीन में रखना पड़ेगा। इसके बाद बच्ची को मशीन में रखवा दिया। शाम करीब छह बजे डॉक्टर के कहने पर महिला कर्मचारी बच्ची को कंबल में लपेटकर लाई और कहा कि अब ठीक है घर ले जा सकते हैं।

परिजनों ने बच्ची को गोद में लिया और डॉक्टर का हिसाब करने लगे। इसी बीच परिजनों ने देखा कि प्रीति की सांस ही नहीं चल रही है। उसकी मौत हो चुकी थी। यह देख परिवार में कोहराम मच गया। बच्ची की मौत के बाद परिवार के लोग अस्पताल में हंगामा करने लगे। सूचना मिलते ही थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। परिवार को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। 

मशीन से गिरने से बच्ची की मौत होने का शक

परिजनों का कहना है कि मशीन में रखने से पहले बच्ची ठीक थी। मशीन में रखने के बाद दो बार वे लोग उसे देखकर आए तो वह हाथ-पांव चला रही थी। शाम छह बजे जब बच्ची परिजनों को दी गई तब उसकी मौत हो चुकी थी।परिजनों को शक है कि डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही के कारण बच्ची मशीन से गिर गई थी, इससे उसकी मौत हुई। 

अमित की तहरीर पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या की धारा में डॉ. जुनैद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह बच्ची का वजन कम होना और खून की कमी बताई गई है। 

डॉक्टर बोले- परिजनों के आरोप निराधार

अस्पताल संचालक डॉ. जुनैद आलम का कहना है कि बच्ची का वजन बहुत कम था। बृहस्पतिवार को परिवार के लोग बच्ची को लेकर आए थे। मशीन में रखने के अलावा कोई और चारा नहीं था। बच्ची मौत खून की कमी से हुई है। परिजनों का इलाज में लापरवाही के आरोप निराधार है।

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